Friday, July 31, 2020

मोदी सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी मे कई बदलाव घोषित किए है। जानिए क्या बदलाव आए है।

मोदी सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी मे कई बदलाव घोषित किए है। 

"New Education Policy 2020 is announced"


1. 10+2 board structure is dropped


3. Upto 5 pre school, 6 to 8 Mid School, 8 to 11 High School , 12 onwards Graduation

4. Any Degree will be 4 years

5. 6th std onwards vocational courses available

6. From 8th to 11 students can choose subjects

7. All graduation course will have major and minor

8. All higher education will be governed by only one authority.

9. UGC AICTE will be merged.

10. All University government, private, Open, Deemed, Vocational etc will have same grading and other rules.

11. New Teacher Training board will be setup for all kinds of teachers in country, no state can change

12. Same level of Accreditation to any college , based on its rating college will get autonomous rights and funds.

13. New Basic learning program will be created by government for parents to teach children upto 3 years in home and for pre school 3 to 6

14. Multiple entry and exit from any course

15. Credit system for graduation for each year, student will get some credits which he can utilize if he takes break in course and come back again to complete the course

16. All schools exams will be semester wise twice a year

17. The syllabus will be reduced to core knowledge of any subject only

18. More focus on student practical and application knowledge

19. For any graduation course if student completes only one year he will get a basic certificate, if he completes two years then he will get Diploma certificate and if he completes full course then he will get degree certificate. So no year of any student will be wasted if he breaks the course in between.

20.All the graduation course feed of all Universities will be govern by single authority with capping on each course.


Saturday, July 25, 2020

पहाड़, समुद्र और रेगिस्तान: इन 5 जगहों पर एक साथ मिलते हैं ये नज़ारे!

गुजरात के बारे में जब हम सोचते हैं तो दिमाग में ये बातें नहीं आती कि यहाँ ट्रेकिंग हो सकती है। लेकिन असल में निडर यात्री और ट्रेकिंग के शौक़ीन लोगों के लिए यहाँ कई बेहतरीन जगहें मौजूद हैं। आप यहाँ समुद्रों से खेलते हुए सितारों की सैर कर सकते हैं तो वहीं पहाड़ पर जाकर किसी ऋषि-मुनि की तरह टहल सकते हैं। यहाँ ऐसी कई जगहें हैं जहाँ प्रकृति ने भरपूर प्यार लुटाया है। जानकर हैरानी हो सकती है कि गुजरात में एक ऐसी जगह है जहाँ समुद्र, रेगिस्तान और पहाड़ आपस में बातें करते हैं। इतना ही नहीं, गुजरात की सबसे ऊँची चोटी नागा बाबाओं, अघोरियों और 800 साल पुराने जैन और हिंदू मंदिरों से भरी हुई है।

1. मांडवी बीच ट्रेक


हाँ, ट्रेक हमेशा पहाड़ों पर चढ़ने या जंगलों की खोज करने को नहीं कहते। मांडवी ट्रेक आपको समुद्र के साथ ऑल नाईट डेट पर जाने का मौका देता है। मोधवा से रावलशा पीर और काशी विश्वनाथ तक के समुद्र तट को देखने में तीन से चार घंटे का समय लगता है और सूर्यास्त से एक घंटा पहले शुरू करना सबसे अच्छा होता है। पूर्णिमा की रात के आसपास, ट्रेक रात में भी किया जा सकता है, जब आप समुद्र तट पर समुद्री जीवों को टहलते देख सकते हैं। और हाँ, चाँदनी रात की खूबसूरती को निहारने के साथ ही आप रौशनी में लहरों को नाचते देख सकते हैं। आप समुद्र तट पर कैंप लगा सकते हैं या काशी विश्वनाथ मंदिर में जाकर ठहरने की जगह पा सकते हैं।

डिफिकल्टी: आसान

अवधि: 3 से 4 घंटे

बेस कैम्प: मोधवा

बेहतरीन समय: सालभर

2. कालो डूंगर ट्रेक


कालो डूंगर (1,515 मी) या काला पहाड़ी गुजरात की सबसे ऊँची चोटी है। ड्रोबना से कालो डूंगर तक की यात्रा आपको अनोखे रॉक फॉर्मेशन और पत्थरों वाले सूखे जंगलों में ले जाएगी। एक बार जब आप चोटी पर पहुँच जाते हैं, तो 400 साल पुराना दत्तात्रेय मंदिर देखने को मिलता है। यहाँ शानदार सूर्यास्त के मनोरम दृश्य ज़रूर देखें।

कालो डूंगर वहाँ है, जहाँ समुद्र, रेगिस्तान और पहाड़ मिलते हैं। दोपहर और शाम की आरती के बाद, पुजारी एक ऊँची जगह पर प्रसाद लगाते हैं, जहाँ हर दिन गीदड़ों का एक दल आता है। हैरानी की बात ये है कि वहाँ रेत पर गीदड़ के पैरों के कोई निशान नहीं बनते।

डिफिकल्टी: थोड़ा आसान

अवधि: 4 से 5 घंटे

बेस कैम्प: ड्रोबाना

बेहतरीन समय: जुलाई से फरवरी

3. माउंट धिनोधर


कहानियों के अनुसार जब ऋषि दत्तात्रेय ने पहाड़ पर चढ़ना शुरू किया था, तो ऋषि की शक्तियों से पहाड़ हिलने लगा था। तभी ऋषि ने कहा, "धिनो धर", जिसका मतलब 'शांत हो' होता है।

चढ़ाई करते हुए आपको कैक्टि के जंगल, झाड़ियों और अन्य शुष्क वनस्पतियों के बीच से गुजरना पड़ता है। यहाँ आप अपने लक को आज़मा सकते हैं। बताया जाता है कि अगर आप काफी भाग्यशाली हैं, तो आप कुछ तेंदुओं को देख सकते हैं। इन पहाड़ियों पर सर्दियों के मौसम में प्रवासी पक्षियों का आना होता है जो पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण होता है।

डिफिकल्टी: मध्यम से आसान

अवधि: 4 से 5 घंटे

बेस कैम्प: थान जागीर

बेहतरीन समय: जुलाई से फरवरी

4. पोलो फ़ॉरेस्ट




पोलो क जंगल गुजरात मे एक अलग ही दुनिया लगती है। हरी-भारी पहड़िया, झरने, झीलें, जहाँ मछुआरे पुरानी तरीकों से मछली पकड़ते है, और लकड़ी के घरों कि चिमनियों से धुआँ निकलता है। पोलो फ़ोरेस्ट हिमालय या किसी घाटी से बसा प्रतीत होता है। 

 पहाड़ियों और जंगलों वाला ये भू-भाग ट्रेकिंग के भरपूर अवसर प्रदान करते हैं। कोई स्पष्ट रूप से चिह्नित रास्ता नहीं हैं, लेकिन आप स्थानीय लोगों से पूछ सकते हैं और वे आपको सही दिशा दिखाते रहेंगे। पोलो फॉरेस्ट में कई प्राइम कैंपिंग स्पॉट हैं।

डिफिकल्टी: आसान

अवधि: 2 से 3 घंटे

बेस कैम्प: बंधन

बेहतरीन समय: मानसून (जून से अगस्त), जब ये बेहद हरा-भरा रहता है.

5. माउंट गिरनार ट्रेक



गिरनार पर्वत गुजरात की सबसे ऊँची चोटियों में शुमार है, जिसकी ऊँचाई 1,031 मी है। शिखर पर जाते हुए आप 800 साल पुराने हिंदू और जैन मंदिरों से होकर गुजरते हैं। ट्रेक जैसे प्रकृति से जुड़ने का जरिया बनता है वैसे ही ये एक सांस्कृतिक पक्षों से भी अवगत कराता है। आपको नागा बाबा (नग्न ऋषि) और अघोड़ी तपस्वी देखने को मिलेंगे जो शमशान के राख शरीर पर मलते हैं। चोटी से मनोरम दृश्य देखकर आप पुलकित हो उठते हैं।

डिफिकल्टी: मध्यम

अवधि: 3 से 4 घंटे

बेस कैम्प: गिरनार तालेटी

बेहतरीन समय: जुलाई से फरवरी

Friday, July 24, 2020

बिंदी और सिंदूर लगाने के वैज्ञानिक कारण

भारतीय परंपरा में श्रृंगार का बड़ा महत्व है। श्रृंगार का सामान जहां औरतों के सुहाग का प्रतीक होता है तो वहीं उनकी ख़ूबसूरती में भी चार-चांद लगाता है। लेकिन श्रृंगार में की जाने वाली चीज़ें जैसे सिंदूर, बिंदी लगाना, बिछुए, कंगन व चूड़ी पहनने का वैज्ञानिक महत्व भी है। आइए जानें इस लेख के माध्यम से सिंदूर व बिंदी लगाने के वैज्ञानिक फायदे।

बिंदी लगाने के फायदे/ Benefits Of Bindi In Hindi

बिंदी के बिना महिलाओं का श्रृंगार पूरा नहीं होता है। आइये जानते हैं कि बिंदी लगाने के फायदे क्या-क्या हैं।

  • बिंदी माथे के बीचो-बीच लगाई जाती है। यह स्थान एकाग्रता का केंद्र होता है। यहां पर बिंदी लगाने से मन एकाग्र और शांत रहता है।
     
  • बिंदी लगाने से सिरदर्द में राहत मिलती है। दरअसल इस स्थान पर तंत्रिकाओं और रक्त वाहिकाओं का अभिसरण होता है, जो इस बिंदु से तुरन्त शांत हो जाते हैं।
     
  • आयुर्वेद में अनिद्रा का एक मुख्य कारण तनाव व थकान है। बिंदी लगाने से चेहरे, गर्दन, पीठ और ऊपरी शरीर की मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे अनिद्रा की समस्या दूर होती है।
     
  • माथे के बीचों-बीच जिस जगह पर बिंदी लगाई जाती है। उस जगह की नसें और आंखों की नसों का गहरा संबंध होता है। ऐसे में आंखों की नसों के लिए बिंदी काफी फायदेमंद होती है।
     
  • बिंदी लगाने का स्थान चेहरे को झुर्रियों से भी बचाता है। दरअसल इस बिंदु से चेहरे की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह शुरू हो जाता है जिससे स्किन टाइट और पोषित होती है।

सिंदूर लगाने के फायदे

    • सिर के उस स्थान पर जहां मांग में सिंदूर भरी जाने की परंपरा है, मस्तिष्क की एक महत्वपूर्ण ग्रंथी होती है, जिसे ब्रह्मरंध्र कहते हैं। यह अत्यंत संवेदनशील भी होती है। यह मांग के स्थान यानी कपाल के अंत से लेकर सिर के मध्य तक होती है। सिंदूर में उपस्थित पारा धातु ब्रह्मरंध्र के लिए औषधि का काम करता है। यह गृहस्थ जीवन के कारण आए तनाव को दूर करने में मदद करता है और मस्तिष्क हमेशा चैतन्य अवस्था में रखता है।
       
    • वैज्ञानिक लिहाज़ से सिंदूर महिलाओं के मन को शांत रखने में मदद करता है। इतना ही नहीं सिंदूर से उनका स्वास्थ भी अच्छा बना रहता है।
       
    • सिंदूर के माध्यम से रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है। इसके साथ ही यह महिलाओं में सेक्स की इच्छा को बढ़ाने में भी मदद करता है। सिंदूर के माध्यम से महिलाओं की पिट्यूटरी ग्रंथियां स्थिर रहती हैं।
       
    • सिंदूर में मौजूद पारा धातु त्वचा को बढ़ती उम्र के प्रभाव यानि झुर्रियों से बचाता है। इसके इस्तेमाल से त्वचा स्वस्थ व यंग नज़र आती है।
       
    • सिंदूर का इस्तेमाल बालों को जूं आदि से भी बचाता है। घरेलू कार्य तथा बालों को सुखाने में समय लगने के कारण स्त्रियों का नित्य सिर धो पाना संभव नहीं हो पाता है, जिसके कारण सिर में जूं एवं लीखें पड़ जाती हैं। मांग में सिन्दूर रहने पर जूं इत्यादि का खतरा नहीं रहता।

Sunday, July 5, 2020

पीएम मोदी ने लद्दाख यात्रा के दौरान सिंधु नदी के तट पर पूजा-अर्चना की

PM Modi Ladakh Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीमा पर तैनात जवानों की हौसला बढ़ाने के लिए एक दिन की लेह यात्रा पर पहुंचे. बिना किसी पूर्व जानकारी और निर्धारित कार्यक्रम की सूचना के पीएम मोदी का पहुंचना हर किसी को हैरान कर देने वाला था.

पीएम मोदी ने लद्दाख यात्रा के दौरान सिंधु नदी के तट पर पूजा-अर्चना की
नई दिल्ली: 

PM Modi Ladakh Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीमा पर तैनात जवानों की हौसला बढ़ाने के लिए एक दिन की लेह यात्रा पर पहुंचे. बिना किसी पूर्व जानकारी और निर्धारित कार्यक्रम की सूचना के पीएम मोदी का पहुंचना हर किसी को हैरान कर देने वाला था. पीएम मोदी ने लद्दाख में फॉरवर्ड ब्रिगेड में नीमू पहुंचने पर सिंधु नदी का दर्शन पूजा भी किया. बता दें कि लद्दाख में सिंधु नदी के तट पर हस साल सिंधु दर्शन महोत्सव मनाया जाता है. जून महीने के आखिरी हफ्ते में होने वाले इस महोत्सव में बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं लेकिन इस साल कोरोना की वजह से यह महोत्सव नहीं हो पाया. यह महोत्सव शांति एकता और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक माना जाता है. 

Monday, June 22, 2020

सुशांत सिंह राजपूत को इंस्टाग्राम ने दी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि, 'अमर' कर दिया एक्टर का एकाउंट

Source : दैनिक जागरण


नई दिल्ली, जेएनएन। फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को फोटो शेयरिंग साइट इंस्टाग्राम ने सबसे बड़ी श्रद्धांजलि दी है। इंस्टाग्राम ने उनके एकाउंट को अमर कर दिया है। सुशांत का एकाउंट जिस स्थिति में है, अब वैसा ही रहेगा और फैंस उनके फोटो और वीडियो जब चाहे देख सकेंगे। 

सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को अपने मुंबई स्थित आवास पर सुसाइड कर ली थी। उनके अचानक सुसाइड करने की ख़बर ने झकझोक कर रख दिया था। इंडस्ट्री और फैंस सदमे में हैं। सोशल मीडिया में उन्हें याद करते हुए पुरानी तस्वीरें और वीडियो शेयर किये जा रहे हैं।

सुशांत के निधन ने सोशल मीडिया में नेपोटिज़्म की बहस को भी नये सिरे से हवा दे दी। बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद को लेकर सवाल खड़े किये जा रहे हैं और कुछ फ़िल्मकारों पर इसको बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उन्हें कटघरे में खड़ा किया जा रहा है।

ऐसे माहौल में इंस्टाग्राम ने सुशांत के फैंस की भावनाओं को देखते हुए उनके एकाउंट को Memorialized कर दिया है। सुशांत के बायो में उनके नाम के आगे Remembering जोड़ दिया है। सुशांत बॉलीवुड के पहले ऐसे एक्टर बन गये हैं, जिसका एकाउंट अमर करके इंस्टाग्राम ने श्रद्धांजलि दी हो।


क्या होता है Memorialized एकाउंट

इंस्टाग्राम जिस एकाउंट को Memorialized करता है, उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। एक तरह से वो ऑनलाइन स्मारक की तरह हो जाता है। जहां फैंस अपने चहेते सितारे की तस्वीरों और वीडियोज़ को देख सकते हैं। इस एकाउंट में ना कुछ हटाया जा सकता है और ना ही कुछ जोड़ा जा सकता है। कोई इसे ऑपरेट भी नहीं कर सकता। सुशांत के एकाउंट पर आख़िरी पोस्ट 3 जून की है। उन्होंने अपनी मां के साथ अपनी तस्वीर का कोलाज शेयर किया था। 

सुसाइड केस की पुलिस तफ्तीश जारी

उधर, सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस की पुलिस तफ्तीश कर रही है। अब तक सुशांत की आख़िरी फ़िल्म दिल बेचारा के निर्देशक मुकेश छाबड़ा और कथित गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती समेत 10 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। उन्होंने सुसाइड जैसा आत्मघाती क़दम क्यों उठाना पड़ा, इस जवाब का सभी को इंतज़ार है। हालांकि बताया जा रहा है कि वो पिछले छह महीनों से अवसाद में थे और उनकी दवाइयां भी चल रही थीं। 

Sunday, June 21, 2020

भारत से तनाव के बीच चीन ने बांग्लादेश को एक झटके में 97 फीसदी का फायदा दे दिया

Source : The Lallantop

भारत से तनाव के बीच चीन ने एक नया कदम उठाया है. उसने अब बांग्लादेश को अपने पाले में करने की चाल चली है. इसके तहत चीन 97 फीसदी बांग्लादेशी उत्पादों पर टैरिफ नहीं लगाएगा. दूसरे देशों से आने वाले सामान पर लगाए जाने वाले टैक्स को टैरिफ कहते हैं. ऐसे में अब बांग्लादेश में बने 97 फीसदी सामान पर चीन में टैक्स नहीं लगेगा. यह फायदा 1 जुलाई से मिलने लगेगा. समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह रिपोर्ट दी है.

बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच एक महीने पहले बातचीत हुई थी. इसमें कोरोना वायरस के समय में दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने का फैसला हुआ है. टैरिफ कम करना इसी तरफ बढ़ाया एक कदम है.

इस तरह बांग्लादेश को मिलेगा फायदा

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने 19 जून को इस बारे में जानकारी दी. कहा गया कि सरकार की आर्थिक डिप्लोमसी के चलते चीन के टैरिफ कमीशन ने 97 फीसदी उत्पादों पर जीरो टैरिफ लगाने का फैसला किया है. इस फैसले से बांग्लादेश के पांच हजार से ज्यादा उत्पादों पर टैरिफ नहीं लगेगा. चीन एशिया पैसेफिक ट्रेड एग्रीमेंट के तहत पहले से ही 3095 बांग्लादेशी प्रॉडक्ट पर टैरिफ नहीं ले रहा. इस तरह से अब 8256 बांग्लादेशी प्रॉडक्ट पर चीन में टैरिफ नहीं लगेगा.

ऐसे में 1 जुलाई से जो 8256 बांग्लादेशी प्रॉडक्ट चीन में बेचे जाएंगे, उन पर टैक्स नहीं लगेगा. यह सामान चीन में सस्ता बिकेगा. इससे बांग्लादेश की कमाई भी बढ़ेगी और उसका एक्सपोर्ट भी चीन में बढ़ सकता है. एक्सपोर्ट बढ़ने से बांग्लादेश में एक तरह से नौकरियां भी बढ़ेंगी.

अभी कैसा है चीन-बांग्लादेश का कारोबार

बांग्लादेश चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अनुसार, चीन-बांग्लादेश के बीच 2018-19 में 14.68 बिलियन डॉलर यानी करीब एक लाख करोड़ रुपये का कारोबार है. इसमें से बांग्लादेश का एक्सपोर्ट केवल 63 अरब रुपये का ही है. यानी कारोबार में चीन का पलड़ा भारी है. वह काफी सामान बांग्लादेश को बेचता है, जबकि उसकी खरीदी कम है. इस बारे में बांग्लादेश के वाणिज्य सचिव ओबैदुल आजम ने कहा कि चीन के जीरो टैरिफ वाले फैसले से बांग्लादेश का व्यापार बढ़ेगा. साथ ही उनके देश में काम भी बढ़ेगा.

पिछले दिनों ही चीन ने किया था ऐलान

पिछले दिनों ने ही चीनी राष्ट्रपति ने इस तरह की नीति का ऐलान किया था. उन्होंने इंडोनेशिया में हुई एशियन-अफ्रीकन कॉन्फ्रेंस में कहा था कि चीन कम विकसित देशों के सामान पर कोई टैरिफ नहीं लगाएगा. इसके लिए एक साल के अंदर-अंदर वह कदम उठाएगा. चीन ने कहा था कि जिन देशों से उसके डिप्लोमैटिक रिश्ते हैं, उन पर ही जीरो टैरिफ की नीति लागू होगी. माना जा रहा है कि चीन से टैरिफ में छूट मिलने से बांग्लादेश को बड़ा फायदा होगा. एक तो उसके पास सामान बेचने के लिए बड़ा मार्केट होगा. दूसरा टैरिफ न लगने से उसकी कमाई भी बढ़ेगी.

भारत के पड़ोसियों को अपने पाले में ले रहा चीन

चीन ने हाल के समय के भारत के पड़ोसी देशों के लिए काफी बड़े कदम उठाए हैं. भारत से वह सीमा विवाद में उलझा हुआ है लेकिन भारत के पड़ोसियों का मददगार बन रहा है. पाकिस्तान से पहले ही वह हाथ मिला चुका है. वहां कई तरह के निर्माण भी कर रहा है, जिनमें बंदरगाह, हाइवे निर्माण शामिल हैं. इसी तरह नेपाल में भी चीन ने काफी पैसा लगाया है. नेपाल को तिब्बत से जोड़ने के लिए वह रेलवे लाइन भी बिछा रहा है. श्रीलंका में भी चीन से ऐसा ही किया है. यहां पर उसने एक एयरपोर्ट और बंदरगाह तैयार किया है.

मोदी सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी मे कई बदलाव घोषित किए है। जानिए क्या बदलाव आए है।

मोदी सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी मे कई बदलाव घोषित किए है।  "New Education Policy 2020 is announced" 1. 10+2 board structure is droppe...

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