बिंदी लगाने के फायदे/ Benefits Of Bindi In Hindi
बिंदी के बिना महिलाओं का श्रृंगार पूरा नहीं होता है। आइये जानते हैं कि बिंदी लगाने के फायदे क्या-क्या हैं।
- बिंदी माथे के बीचो-बीच लगाई जाती है। यह स्थान एकाग्रता का केंद्र होता है। यहां पर बिंदी लगाने से मन एकाग्र और शांत रहता है।
- बिंदी लगाने से सिरदर्द में राहत मिलती है। दरअसल इस स्थान पर तंत्रिकाओं और रक्त वाहिकाओं का अभिसरण होता है, जो इस बिंदु से तुरन्त शांत हो जाते हैं।
- आयुर्वेद में अनिद्रा का एक मुख्य कारण तनाव व थकान है। बिंदी लगाने से चेहरे, गर्दन, पीठ और ऊपरी शरीर की मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे अनिद्रा की समस्या दूर होती है।
- माथे के बीचों-बीच जिस जगह पर बिंदी लगाई जाती है। उस जगह की नसें और आंखों की नसों का गहरा संबंध होता है। ऐसे में आंखों की नसों के लिए बिंदी काफी फायदेमंद होती है।
- बिंदी लगाने का स्थान चेहरे को झुर्रियों से भी बचाता है। दरअसल इस बिंदु से चेहरे की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह शुरू हो जाता है जिससे स्किन टाइट और पोषित होती है।
सिंदूर लगाने के फायदे
- सिर के उस स्थान पर जहां मांग में सिंदूर भरी जाने की परंपरा है, मस्तिष्क की एक महत्वपूर्ण ग्रंथी होती है, जिसे ब्रह्मरंध्र कहते हैं। यह अत्यंत संवेदनशील भी होती है। यह मांग के स्थान यानी कपाल के अंत से लेकर सिर के मध्य तक होती है। सिंदूर में उपस्थित पारा धातु ब्रह्मरंध्र के लिए औषधि का काम करता है। यह गृहस्थ जीवन के कारण आए तनाव को दूर करने में मदद करता है और मस्तिष्क हमेशा चैतन्य अवस्था में रखता है।
- वैज्ञानिक लिहाज़ से सिंदूर महिलाओं के मन को शांत रखने में मदद करता है। इतना ही नहीं सिंदूर से उनका स्वास्थ भी अच्छा बना रहता है।
- सिंदूर के माध्यम से रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है। इसके साथ ही यह महिलाओं में सेक्स की इच्छा को बढ़ाने में भी मदद करता है। सिंदूर के माध्यम से महिलाओं की पिट्यूटरी ग्रंथियां स्थिर रहती हैं।
- सिंदूर में मौजूद पारा धातु त्वचा को बढ़ती उम्र के प्रभाव यानि झुर्रियों से बचाता है। इसके इस्तेमाल से त्वचा स्वस्थ व यंग नज़र आती है।
- सिंदूर का इस्तेमाल बालों को जूं आदि से भी बचाता है। घरेलू कार्य तथा बालों को सुखाने में समय लगने के कारण स्त्रियों का नित्य सिर धो पाना संभव नहीं हो पाता है, जिसके कारण सिर में जूं एवं लीखें पड़ जाती हैं। मांग में सिन्दूर रहने पर जूं इत्यादि का खतरा नहीं रहता।
- सिर के उस स्थान पर जहां मांग में सिंदूर भरी जाने की परंपरा है, मस्तिष्क की एक महत्वपूर्ण ग्रंथी होती है, जिसे ब्रह्मरंध्र कहते हैं। यह अत्यंत संवेदनशील भी होती है। यह मांग के स्थान यानी कपाल के अंत से लेकर सिर के मध्य तक होती है। सिंदूर में उपस्थित पारा धातु ब्रह्मरंध्र के लिए औषधि का काम करता है। यह गृहस्थ जीवन के कारण आए तनाव को दूर करने में मदद करता है और मस्तिष्क हमेशा चैतन्य अवस्था में रखता है।
- वैज्ञानिक लिहाज़ से सिंदूर महिलाओं के मन को शांत रखने में मदद करता है। इतना ही नहीं सिंदूर से उनका स्वास्थ भी अच्छा बना रहता है।
- सिंदूर के माध्यम से रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है। इसके साथ ही यह महिलाओं में सेक्स की इच्छा को बढ़ाने में भी मदद करता है। सिंदूर के माध्यम से महिलाओं की पिट्यूटरी ग्रंथियां स्थिर रहती हैं।
- सिंदूर में मौजूद पारा धातु त्वचा को बढ़ती उम्र के प्रभाव यानि झुर्रियों से बचाता है। इसके इस्तेमाल से त्वचा स्वस्थ व यंग नज़र आती है।
- सिंदूर का इस्तेमाल बालों को जूं आदि से भी बचाता है। घरेलू कार्य तथा बालों को सुखाने में समय लगने के कारण स्त्रियों का नित्य सिर धो पाना संभव नहीं हो पाता है, जिसके कारण सिर में जूं एवं लीखें पड़ जाती हैं। मांग में सिन्दूर रहने पर जूं इत्यादि का खतरा नहीं रहता।
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